नाम तेरा सभी लब पे लाते रहे।
दर्द अपना हमें वो बताते रहे।।
तड़फती नजर जो देख ली दर्द की।
आँख से देखकर वो लजाते रहे।।
गरीबो को भी हक है उँचा वो उठे।
काश सपने सभी यूँ ही सजाते रहे।।
दूर होकर भी आँख में तुम छा गयी।
माँग में हम सितारें लुटाते रहे।।
तन्हाई मे कभी वक्त कटता नही।
कर्म अच्छे करो*ऋतु बताते रहे।।
– रीतूगलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़