मनोरंजन

प्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

संदेशा इस बात का, पहुँचे घर घर आज।

शुचिता के अभियान का, मिलकर हो आगाज़।

 

मिलकर हो आगाज़, लक्ष्य यह पूरा कर लें।

जागृत बनें समाज, साफ रखने का प्रण लें।

 

सभी जुटें जी-जान, बिना रख मन अंदेशा।

करें सफल अभियान, प्रसारित कर संदेशा।।

 

व्यंग भरी यह कुंडली, करती दिल पर चोट।

बात बुरी उसको लगे, जिसके दिल में खोट।

 

जिसके दिल में खोट, तिलमिला मन मे जाये।

पहले खरचे नोट, बाद में वह पछताये।

 

बतलाते हैं शान, कमी हर खरी-खरी।

टूटें कूछ अरमान, बात सुन व्यंग भरी।।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, उन्नाव, उत्तर प्रदेश

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