मुँह न फेरो मिरा दम निकल जायगा,
पास बैठो जरा दिल बहल जायगा ।
मत अदा से झुकाओ नजर को सनम,
दिल दिवाना हमारा मचल जायगा।
छेड़ कर बात छोड़ो अधूरी नहीं,
हाथ से वक्त वर्ना फिसल जायगा ।
दूरियाँ हैं भलीं यदि भरोसा नहीं,
दूर रह कर इरादा बदल जायगा ।
यूँ न परखो मुहब्बत हमारी सनम,
पाक दिल ‘मधु’ हमारा सँभल जायगा ।
— मधु शुक्ला .सतना, मध्यप्रदेश