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तेरे दरबार में आकर खुशी से फूल जाता हूं – अशोक गोयल

neerajtimes.com- सामयिक परिवेश पत्रिका के उत्तर प्रदेश अध्याय पर आज एक भव्य ऑनलाइन कवि संम्मेलन सामयिक परिवेश अध्याय के राष्ट्रीय सूचना संचार एवम् आई टी प्रमुख कवि अशोक गोयल जी की वैवाहिक वर्षगांठ व गरीमा त्यागी के विवाह को लेकर का आयोजित किया गया । जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, दिल्ली आदि से कवियों एवं कवित्रियों ने भाग लिया । प्रोग्राम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार  अशोक गोयल, मुख्य अतिथि सामयिक परिवेश पत्रिका की अध्यक्ष ममता मेहरोत्रा और विशिष्ट अतिथि श्याम कुँवर  भारती  ने किया , सर्वप्रथम माँ वीणापाणी की वन्दना बदायूँ की वरिष्ठ कवयित्री कमला माहेश्वरी कमल  ने किया। देश के कई विशिष्ट शहरों से मशहूर एवं वरिष्ठ शायरों एवं कवियों ने अपनी कविताओं से खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम बहुत हीं एतिहासिक हुआ । कार्यक्रम अध्यक्ष कवि अशोक गोयल ने जैसे ही अपनी रचना को पढ़ा समूर्ण पटल तालियों से गुंजायमान हो गया। उन्होंने अपनी रचना कुछ ऐसे पेश की *मुस्कान मेरे लब पे खिला क्यों नहीं देते झूठी ही सही आस जगा क्यों नहीं देते । *प्रोग्राम का सफल संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं शायरा विभा तिवारी ने किया। एवं अपनी गज़ल पढ कर शमा बना दी ।

कार्यक्रम में अशोक गोयल ,कमला माहेश्वरी, श्वेता मिनी,एकता गुप्ता ,सुनीता चतुर्वेदी, प्रो.शरद नारायण खरे , वर्तिका, सुमित मानधना गौरव, नसीम अख्तर,सुधा पाण्डेय, डॉ सुधा सिन्हा , मुनिशा ,गीता पाण्डेय अपराजिता ,डॉ नीलू अग्रवाल, सोनिया प्रतिभा तानीएवं डॉ लता मानकर भाग लिया। अंत मे उप राज्य प्रभारी विभा तिवारी ने आभार प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में कवि अशोक गोयल ने सभी रचनाकारों का आभार प्रकट कर कहा आप की दुआओ ने दिन को खुशनुमा बना दिया खुलके जीने का उमंग दिल में जगा दिया।  आपकी बधाई के लिए शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया। कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि कवि अशोक गोयल साहित्य के क्षेत्र में प्रेरणादायक कार्य कर रहे है।

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