धरती का दोहन करे, जग का सभ्य समाज।
नित्य कराहे अब धरा, फिर भी करें न लाज।।
चलो बनाएं मिल सभी, धरती स्वर्ग समान।
स्वस्थ्य प्रगति चहुँ दिशि करे, रचें नया विज्ञान।।
सर्व प्रदूषण दूर हो, खुल कर लेवें सांस।
स्वच्छ जगत फिर से बने, रहे न मन में फांस।।
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, उत्तर प्रदेश