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माँ – सुशीला रोहिला

ममता की किरण माँ,

शिशु का पहला क्र॔दन,

माँ सृष्टि का आधार,

माँ ममता की मुरत,,

माँ ध्वनि का स्पंदन,

माँ चाँद की शीतलता,

माँ सूर्य की है लालिमा,

माँ तारों की है चमक,

माँ देती है ऊमर – भर,

लेती ना कभी कण – भर,

माँ झोली ममता भरी,

आर्शीवादों की लगती झड़ी ,

माँ ज्ञानदात्री भाग्य विधाता,

मदालसा स्वावलंबी की सीख,

माँ सीता माँ दुर्गा माँ महामाया,

माँ वन्दनीय है माँ पूज्यनीय है,

माँ की हम सब करें  सेवा

– सुशीला रोहिला, सोनीपत, हरियाणा

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