मनोरंजनग़ज़ल – रीता गुलाटीnewsadminNovember 1, 2024 by newsadminNovember 1, 20240376 दिखी पेड़ मे क्यो ये कोंपल नही है, लदा है फलो से फिर हलचल नही है। लगे आज मुझको मुहब्बत नही है, कोई शय...
मनोरंजनहरियाणवी कविता — डॉo सत्यवान सौरभnewsadminNovember 1, 2024 by newsadminNovember 1, 2024047 धर्म-कर्म का पालणा, अरै गीता का उपदेश। सच मै हरि का वास सै, यो हरियाणा प्रदेश।। सुख शांति की या जमीं, अरै सै वेदा...
मनोरंजनकविता – जसवीर सिंह हलधरnewsadminOctober 31, 2024 by newsadminOctober 31, 2024072 हे यमदूत कहां ले आए ,मुझको यहां नहीं रहना है । स्वर्ग लोक से मुझे निकालो ,ये सुख मुझे कहां लहना है ।। देवलोक...
मनोरंजनदीप जलाओ मानवता का – हरी राम यादवnewsadminOctober 31, 2024 by newsadminOctober 31, 2024053 दीप जलाओ मानवता का, फैले समरसता दिग दिगंत । ऊंच नीच का मतभेद मिटे, आये सबके जीवन में बसंत । कोई शोषित पीड़ित न...
मनोरंजनहिन्दी सेवी सम्मान से अलंकृत हुए कवि अशोक कुमार यादवnewsadminOctober 31, 2024 by newsadminOctober 31, 2024051 neerajtimes.com मुंगेली। दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह देहरादून, उत्तराखंड के द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर साहित्यकारों को दिनाँक 14 सितंबर 2024 को सम्मानित किया।...
मनोरंजनजीवन सरल नहीं – सुनील गुप्ताnewsadminOctober 30, 2024 by newsadminOctober 30, 2024050 ( 1 ) ” जीवन “, जीवन सरल रहा नहीं, सदा आते रहे, जीवन में संघर्ष ! चलें जीएं, सहज सरल जीवन.., और करते रहें...
मनोरंजनग़ज़ल – रीता गुलाटीnewsadminOctober 30, 2024 by newsadminOctober 30, 20240272 यार सोये हुऐ इस दिल के जज्बात लिखूँ, प्यार तुमसे है किया,आज मै दिन रात लिखूँ। खूबसूरत सा बना ख्याब,मेरे दिलबर का, यार दिल...
मनोरंजनखुशी-खुशी मनायें दीवाली – जोगिन्दर पाल ‘जिंदर’newsadminOctober 30, 2024 by newsadminOctober 30, 2024056 neerajtimes.com – दीपावली भारतवर्ष का एक प्राचीन त्यौहार है। जैसा नाम से ही स्पष्ट है यह अंधेरे पर उजाले का, अज्ञान पर ज्ञान का, बुराई...
मनोरंजनमन के अंदर के अंधकार को दूर करना ही दीपोत्सव का संदेश – संदीप सृजनnewsadminOctober 30, 2024 by newsadminOctober 30, 2024055 Neerajtimes.com – दीपावली का पर्व भारतीय सनातन परम्परा का लौकिक और अलौकिक पर्व माना गया है। लौकिक स्वरूप में जहां खानपान,वैभव और उत्साह का वातावरण...
मनोरंजनकंचन काया – सविता सिंहnewsadminOctober 29, 2024 by newsadminOctober 29, 2024085 गुनगुनी दोपहर ढल चुकी, आ गयी सर्द सघन यामिनी। मृण्मयी नैनों में इंतजार लिए, प्रतीक्षारत विकल कामिनी। काले कुंतल अब हंस रहे, आनन को ये...