हे बजरंगी दीजिये, सब को ऐसी शक्ति।
शुद्ध भाव उपजें सदा,बढ़ती जाए भक्ति।।१
मंगलमय मंगल दिवस, करते मंगलमूर्ति।
मंगल को हनुमत भजें, होगी इच्छापूर्ति।।२
संजीवनि सम नाम है, तन में आती जान।
शरणागत के कष्ट सब, हरते श्री हनुमान।।३
अपने पौरुष को अगर, पहचानें सब लोग।
हो जाएंगे तब सफल, जो भी करें प्रयोग।।४
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश