अभी-अभी हाँफते हुए यमराज मेरे पास आया
जाने क्यों था वो बहुत घबराया,
मैं कारण पूछा – तो पहले उसने पानी माँगा
मैंने उसे पानी पिलाया, अपने पास बिठाया
उसकी पीठ थपथपाया
आखिर तू इतना घबराया क्यों है भाया?
अब तक सहज हो चुके मित्र यमराज ने बताया –
कुछ खास तो नहीं बस! अभी मृत्यु था टकराया,
मैंने उसका हाल चाल क्या पूछ लिया
बंदा हत्थे से उखड़ गया,
अनायास लड़ने पर उतारू हो गया,
जैसे मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया।
कहने लगा हाल चाल जानने के लिए
तुझे मेरे साथ चलना पड़ेगा,
पाक आतंकियों की थोक में मौत से सीख लेना होगा,
लगता है तू भी आतंकियों से मिला हुआ है
यमलोक ले जाने के बजाय
उनकी आत्माओं को धरती पर भटकने के लिए
वाक ओवर दे रहा है,
और बड़ी शराफत से अपना बैंक बैलेंस बढ़ा रहा है,
मुझे बेवकूफ और खुद को बड़ा समझदार समझ रहा है।
मैं मुस्कराया, यमराज को गुस्सा आया
कहने लगा – वाह प्रभु! अब आप भी पाला बदल रहे हो
लगता है मृत्यु से दोस्ती बढ़ा रहे हो
और मेरा मजाक उड़ा रहे हो।
मैंने उसे रोका और समझाया
तू गलत समझ रहा है, इसीलिए ऐसा कह रहा है
मृत्यु से अपना पुराना याराना है
यह और बात है कि अब तक किसी ने नहीं जाना है।
यमराज तमतमाते हुए खड़ा हो गया –
इसका मतलब है ये सब आपकी माया है।
तू फिर गलत समझ रहा है –
कहकर उसका हाथ पकड़कर बैठाया और समझाया
नहीं यार- दरअसल आजकल मृत्यु बेचैन है
उसका कोटा जो नहीं पूरा हो रहा है
उसे लगता है सीजफायर कर मोदी जी ने
छोटा मोटा नहीं भारी गुनाह कर दिया है।
मोदी जी ने जब बदला लेने का ऐलान किया था
तो सबसे पहले मृत्यु ने ही
अपनी व्यवस्था को चाक चौबंद किया था,
वो सब व्यर्थ हो गया,
उसके अनुसार सारा गुड़ गोबर हो गया,
बस! इसीलिए बेचारे को सदमा सा लग गया
सीधे मुँह किसी से बात नहीं कर रहा है।
ऊपर से मोदी जी को उसने इसके लिए
जो शिकायती पत्र भेजा था
पीएमओ से उसका कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
लगता है अब मुझे ही कुछ करना होगा
मृत्यु की परेशानी का हल मुझे ही ढ़ूढ़ना होगा,
तुम दोनों के बीच मतभेद का हल भी निकालना होगा,
पर सबसे पहले मोदी जी से ही पूछना पड़ेगा
और मोदी जी को भी जवाब देना ही होगा।
मैं अपने मित्रों के साथ अन्याय नहीं सह सकता हूँ।
मोदी जी को अपना वादा पूरा करना ही होगा,
आतंकियों के थोक भाव में मारने का जिम्मा
भारत की सेना को खुली छूट के साथ देना ही होगा।
मोदी जी खुद ही कहते घूम रहे हैं कि न्याय मिलेगा
तो मृत्यु को भी न्याय देना ही होगा।
यमराज हाथ जोड़कर खड़ा हो गया
और कहने लगा – आपकी माया आप ही जानो
पर मृत्यु को भी न्याय दिला दो
उसके चेहरे की मुस्कान वापस ला दो,
जहाँ मेरी जरुरत हो, तत्काल बता देना
और हाँ! कहीं भी किसी से भी नहीं डरना,
हम, तुम और मृत्यु तीनों मित्र हैं,
डंके की चोट पर यह बात भी दुनिया को बता देना,
बेचारे मृत्यु को न्याय दिलाकर ही दम लेना,
अपनी यारी को बदनाम मत करना।
– सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र) गोण्डा, उत्तर प्रदेश