मनोरंजन

श्रेष्ठ बनें – सुनील गुप्ता

 

श्रेष्ठ हैं हम

श्रेयस्कर पथ पे,

सदैव चलें  !!1!!

 

श्रेष्ठतम दें

तन-मन-धन से,

स्वयं में रमें !!2!!

 

प्रेम आनंद

यही सच्चा स्वरूप,

प्रेय लुटाएं !!3!!

 

उत्तम कार्य

करते निरंतर,

श्रीजी से मिलें !!4!!

 

जीवन धन्य

जागें सुख सौभाग्य ,

श्रेष्ठ को पाएं !!5!!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

Related posts

गजल – रीता गुलाटी

newsadmin

उठती उंगली और पर – डॉo सत्यवान सौरभ

newsadmin

गीत कहाँ से लाऊं – रश्मि मृदुलिका

newsadmin

Leave a Comment