मनोरंजन

दोहे — कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

 

जीवन में संवाद का, होता बड़ा महत्व।

रिश्तों के आधार का, यही प्रमुख है तत्व।।

 

संवादों के तंतु से, बुन लें चादर एक।

इसे सहेजें कर जतन, करती काम अनेक।।\

 

जिन वजहों से आपसी, बढ़ता नित्य तनाव।

स्थापित संवाद कर, इसमें करें घटाव।।

 

करते रहते लोग कुछ, भाँति-भाँति परिवाद।

उनसे करना व्यर्थ है, शुभ-सार्थक संवाद।।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

Related posts

अधूरापन – सविता सिंह

newsadmin

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment