( 1 )” ब “, बरबस
देख, वट वृक्ष को
लगता देख लिए, भगवान साक्षात् !
बसे हैं त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश….,
इसलिए है ये बड़ा ही, पवित्र अक्षय वट !!
( 2 )” र “, रमें
ब्रह्मा वट जड़ों में,
तो भगवान विष्णु वृक्ष तनों में !
और फल पत्तियों में शिव शंकर बसते….,
है जीवंतता और उर्वरता का प्रतीक ये !!
( 3 )” ग “, गहन
विशाल छत्र छाया इसकी,
और है ऊर्जा शक्ति से, ये परिपूर्ण !
चलें सभी इसकी, नित्य पूजा करते..,
और ये करे इच्छाएं, मनोकामनाएं पूर्ण !!
( 4 )” द “, दर्द-दुःख
त्रिदोष रोग भगाए,
ये वात पित्त कफ़ को, संतुलित करे !
और बनाए चले, जीवन को सदैव स्वस्थ.,
जीवन में बल बुद्धि, आरोग्य प्रदान करे !!
( 5 )” बरगद “, बरगद
पेड़, अवश्य लगाएं
पाए चलें अनगिनत, फल जीवन में !
और पाएं सुख-समृद्धि सौभाग्य आरोग्य..,
जीवन हर्षाए सरसाए चले, त्रिदेव बसे हों जहाँ पे !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान