मनोरंजन

मेरी कलम से – सुनील गुप्ता

तेरी यादें –

तेरी यादें, भूला न पाऊं

तुझे दिल से, जुदा कर न पाऊं  !

तू है मेरी रूह, मेरी आरज़ू …..,

बिन तेरे यहाँ एक पल रह न पाऊं !!

ख़्वाहिश –

मेरी ख़्वाहिशें, मेरी तमन्नाएं

तू ही है, मेरी आरज़ू बंदगी  !

मेरी इच्छाएं, मेरी कल्पनाएं …,

मेरी तकदीर, तू है मेरी ज़िंदगी  !!

ज्योति –

ज् – ज्यों-ज्यों ज्ञान-ज्योति जलती चले

यो – योग-विद्या चले जीवन को बदलते !

ति – तिमिर छंटें,चहुँओर उजियारा फैले.,

ज्योति से ज्योति जले नित आनंद बरसे !!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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