( 1 ) हमें
गर्व है अपनी भाषा पर,
अपनी संस्कृति धरोहर पे !
आओ बोलें लिखें, हिंदी भाषा में….,
और कार्य करें सभी, हिंदी में !!
( 2 ) गर्व
है हमें हिंदी साहित्य पर,
और इसकी रचनाधर्मिता पे !
हम जैसा सोचें, वैसा ही बोलें लिखें …,
और नित बढ़ाते चलें, इसको यहाँ पे !!
( 3 ) है
अपनी भाषा समृद्ध उत्कृष्ट,
जननी है इसकी, भाषा संस्कृत !
आओ सदैव पढ़ें लिखें, हिन्दी में….,
और करते चलें इसे और भी उन्नत !!
( 4 ) अपनी
भाषा का जो मान करे,
वही चले सदा, बढ़ते आगे !
आओ इसका प्रचार-प्रसार करें…,
और चलें ऊँचा, परचम लहराये !!
( 5 ) हिंदी
भाषा है बड़ी सरल,
और देवनागरी लिपि है, अति विरल !
आओ पढ़ें सद् साहित्य, वेद वाङ्मय…,
और इसे बढ़ाते चलें, हम प्रतिपल !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान