मनोरंजन

अपना बना पाओगे क्या – प्रतिभा जैन

चलो नए साल में ले चलती हू तुम्हें,

अपने सपनों की दुनियां में,

क्या तुम मेरे सपनों को अपना बना पाओगे?

मेरे ख्याबों से बनी सड़क चल पाओगे,

है दिल मेरा बेचैन हिम्मत दिला पाओगे,

छोड़ आई मैं अपनी दुनियां,

क्या मेरी दुनियां बन पाओगे?

मुझे अपना बना पाओगे?

सजाई है मेरी मांग,

क्या मेरे ख्याबों की दुनियां भी सजा पाओगे?

मेरी नजरों में छुपा है प्यार

समझ पाओगे?

हर कदम पर आपका

साथ चाहिए दे पाओगे?

– प्रतिभा जैन, उज्जैन, मध्यप्रदेश

Related posts

सतरंगी मन हुआ होली में – सुनील गुप्ता

newsadmin

सत्ता, शहादत और सवाल – डॉ सत्यवान सौरभ

newsadmin

चेतना – ममता सिंह

newsadmin

Leave a Comment