सुख, दुःख, गम आएं, किन्तु आप मुस्कुराएं,
घबराना नहीं मित्र, पार्ट ऑफ लाइफ है।
सर्वहित कामना हो, दृढ़ता से सामना हो,
कोई ताम-झाम ना हो, आर्ट ऑफ लाइफ है।
जीवन उद्देश्य क्या है, देश परिवेश क्या है ,
साधना से साधना ही, डार्ट ऑफ लाइफ है।
कितनी तपाई देह, कितना कमाया नेह,
परिमाण मन-गेह, कार्ट ऑफ लाइफ है ।
– भूपेन्द्र राघव, खुर्जा, उत्तर प्रदेश