मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

यार सोये हुऐ इस दिल के जज्बात लिखूँ,

प्यार तुमसे है किया,आज मै दिन रात लिखूँ।

 

खूबसूरत सा बना ख्याब,मेरे दिलबर का,

यार दिल को वो सजे,ख्याब को आफात लिखूँ।

 

रूठ जाते हैं, मेरे दिल को चुराने जो आये,

सोचता हूँ कि लिखूँ उनको तो क्या बात लिखूँ।

 

साथ मेरा भी नही देते बड़ा मुश्किल है,

गम मे आँखे जो बहेगी,वो मैं बरसात लिखूँ।

 

खेल बाकी है,तेरी मेरी बची उल्फत का,

सोचती हूँ जो कही रात को अगलात लिखूँ।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़

Related posts

गीत (उपमान छंद) – मधु शुक्ला

newsadmin

करलें ख़ुद से मुलाक़ात – सुनील गुप्ता

newsadmin

मेरी कलम से – डा० क्षमा कौशिक

newsadmin

Leave a Comment