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पितृपक्ष में पूर्वजों की याद – सुनील गुप्ता

( 1 )” पितृपक्ष में “, पितृपक्ष में

आओ मिलकर करें सभी,

अपने-अपने पूर्वजों की याद  !

और करते चलें श्रद्धापूर्वक सभी …,

खूब धर्म पुण्यकर्म, यज्ञ और दान  !!

( 2 )” पूर्वजों की “, पूर्वजों की

मधुर स्मृतियाँ को सहजें

जीवन में नव ऊर्जा का संचरण करें !

और श्राद्धकर्म से होए चलें पितृ तृप्त…,

असीम सुख शांति जीवन में मिले  !!

( 3 )” याद करें “, याद करें

दिल की अतल गहराईयों से,

सदा चलें इनके दिखलाए पथ पे  !

और भूलें न पितरों को कभी यहाँ..,

सदैव अपना कर्तव्य फर्ज़ निभाए चलें !!

( 4 )” नित्यकर्म करके “,

स्नान आदि हम करें,

चलें स्वच्छ वस्त्र धारण करते !

और पितरों को तर्पण पिंडदान देते…,

इनके नाम का एक दीपक जलाएं !!

( 5 )” श्राद्ध पितृपक्ष “, का

है बड़ा ही धार्मिक, आध्यात्मिक महत्व,

मनाएं इसे शुद्ध सात्विकता के साथ यहाँ  !

मनसा कर्मणा वाचा में सामंजस्य बैठाकर..,

करते चलें विशुद्ध भावों संग तर्पण सदा !!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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