उत्तराखण्ड

मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों हेतु आयोजित साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन

सूचना प्रौधोगिकी विकास एजेंसी (ITDA) उत्तराखंड द्वारा नेशनल ई-गवर्नन्स डिवीजन (NeGD),एवं मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एण्ड इफॉर्मेशन टेक्नॉलजी (MeitY) भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान मे उत्तराखंड सरकार के विभिन्न विभागों के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों हेतु क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत “साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण” विषय पर आयोजित त्रिदिवसीय कार्यशाला के तृतीय एवं अंतिम दिवस मे आज, “साइबर सिक्युरिटी एण्ड E-गवर्नन्स रिस्कस”, “साइबर सिक्युरिटी ऑडिट एवं इनफार्मेशन”, “सिक्युरिटी मनेजमेंट सिस्टम स्टैन्डर्ड ISO27001” विषय पर तीन सत्रों का आयोजन किया गया l
कार्यशाला के समापन सत्र कि मुख्या अतिथि श्रीमती नितिका खंडेलवाल, IAS, अपर सचिव उत्तराखंड शासन एवं निदेशक, सूचना प्रौधोगिकी विकास एजेंसी (ITDA) ने कार्यशाला मे प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों से तीन दिनों तक चले प्रशिक्षण का फ़ीड बैक लेते हुए कहा कि आप सभी CISO’S कार्यशाला के अनुभव का उपयोग करते हुए अपने अपने विभागों मे साइबर सुरक्षा हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायेंगे तथा उसे और प्रभावी बनाएंगे l उन्होंने कहा कि कार्यशाला के सभी विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान सभी विभागों के साथ शेयर किए जाएंगे ताकि उन्हे भी साइबर सुरक्षा हेतु किए जाने वाले उपयों की जानकारी उपलब्ध हो सके, उन्होंने कार्यशाला के लिए नैशनल E-गवर्नन्स डिविशन (NeGD) के अधिकारियों , आमंत्रित सभी विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद व्यक्त किया एवं प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए l
इससे पूर्व आज अंतिम दिन कार्यशाला के प्रथम सत्र मे “साइबर सिक्युरिटी एण्ड E-गवर्नन्स रिस्कस” विषय पर श्री शैलेन्द्र गुप्ता HCL ने प्रतिभागियों को डेटा ब्रीच, फिसिंग अटैक,मालवेर, रैन्समवेर, अनधिकृत प्रवेश,एवं डेटा प्राइवेसी, डिजिटल फ्रॉड ,आदि से बचाव हेतु स्ट्रॉंग पासवॉर्ड रेगुलर सॉफ्टवेयर अपडेट एंटिवाइरस और फायर वाल,डाटा एन्क्रिप्शन आदि के बारे मे विस्तार से जानकारी दी l
द्वितीय सत्र मे द्वितीय सत्र मे “डेटा एण्ड ऐप्लकैशन सिक्युरिटी प्रोटेक्शन”- विषय पर श्री वी के त्रिवेदी पूर्व निदेशक STQC ने प्रतिभागियों को बाते कि साइबर सुरक्षित भारत अभियान के तहत यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है l उन्होंने कहा कि आज के दौर मे सबसे अधिक साइबर अपराध डिजिटल अरेस्ट के रूप मे हो रहे हैं जिसके लिए हमारा असुरक्षित डेटा ही जिम्मेदार हैl उन्होंने ISO27001 के बारे मे प्रतिभगियों को बताया कि यह सर्टिफिकेशन आई टी सिक्युरिटी के लिए है , जिसमे विभिन्न पैरामीटेर कि जानकारी उन्होंने उपलाभ कराई l साइबर सिक्युरिटी ऑडिट के बारे मे उन्होंने प्रतिभागियों को विभीन स्तर पर होने वाले ऑडिट पैरामीटर कि जानकारी उपलब्ध कराई
रोल ऑफ CESO’S के बारे मे श्री त्रिवेदी ने बताया कि सीसों के महत्वपुरण कार्य – सिक्युरिटी थरेट्स को डेली मैन्टैन करना ,विभाग मे साइबर सुरक्ष हेतु सुरक्षात्मक ढांचा विकसित करना ,रिस्क असेस्मेंट कि समीक्षा करना ,प्रतिदिन Log रिव्यू करना, इनफॉर्मेशन सिक्युरिटी ऑडिट करना ,मशीनों का टाइम सिंकोनईज करना ,आई टी इन्फ्रस्ट्रक्चर को अपडेट करना आदि कुछ महत्वपूर्ण कार्य हैं l
तीन दिन तक चले इस कार्यशाला मे साइबर सुरक्षा विषय पर कुल 11 सत्र हुए जिसमे विभिन्न साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए और सभी प्रतिभागियों ने सत्र के दौरान विषय आधारित प्रश्न एवं जिज्ञासा व्यक्त की जिनका समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा किया गया l
समापन सत्र कि अध्यक्षता डीआईजी पुलिस श्री सेंथिल जी ने कि , कार्यक्रम मे 20 विभागों के 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया जिनमे विभिन्न विभागों के 15 मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारि (CISO) शामिल थे l कार्यशाला मे विभिन्न बिभागों – पिटकुल, सैनिक कल्याण, रेशम विभाग, उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक), UPCL, कृषि विभाग, UJVNL, जी एस टी , चिकित्सा शिक्षा,विधुत नियामक आयोग आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे l

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