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नायक वेद प्रकाश, वीर चक्र (मरणोपरांत) – हरी राम यादव

neerajtimes.com – भारत और पाकिस्तान दो पडो़सी मुल्क एक साथ आजाद हुए लेकिन दोनों में कोई समानता नहीं है, एक हमेशा विश्वासघात का छूरा लिए घूमता है और दूसरा हमेशा विश्वास का हाथ बढाता रहा । पाकिस्तान अपने जन्मकाल से ही छद्म युद्ध का सहारा लेकर भारत के भूभाग पर कब्जा ज़माने की नाकाम कोशिश करता रहा लेकिन कभी भारतीय सेना के शौर्य के आगे कामयाब नहीं हुआ । अघोषित युद्धों के अलावा वह सीमा पर अकारण गोलीबारी करने में भी कभी पीछे नहीं रहा । सन 1996 में सियाचीन ग्लेशियर में हमारी सेना के 15 राजपूत  रेजिमेंट के जवानों ने पाकिस्तान की ऐसे ही एक कार्यवाही का मुंहतोड़ जबाब दिया और पाकिस्तान को घुटने के बल ला दिया।

सन 1996 में 15 राजपूत रेजिमेंट आपरेशन मेघदूत के तहत सियाचीन ग्लेशियर में तैनात थी और इसकी पोस्टें सीमा रेखा के पास स्थित थीं । जनपद बुलन्दशहर के नायक वेद प्रकाश उसी सियाचीन ग्लेशियर की एक पोस्ट पर तैनात थे । 31 अगस्त 1996 को सियाचीन ग्लेशियर के उत्तरी भाग में दुश्मन एक पोस्ट पर भीषण गोलाबारी कर रहा था। चूंकि दुश्मन लगातार फायरिंग कर रहा था इसलिए इस फायरिंग को बंद करने के लिए यह आवश्यक था कि शत्रु के ठिकाने पर कारगर जबाबी फायरिंग की जाय। नायक वेद प्रकाश अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए एक अधिकारी के साथ अपने मोर्चे से बाहर आए  और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना खुले में ही मोर्चा संभाल लिया। 84 मिली मीटर राकेट लांचर से दुश्मन के ठिकाने पर फायरिंग करना शुरू कर दिया।

नायक वेद प्रकाश फायरिंग वाली जगह से गोला बारूद वाले बंकर तक बार बार गोला बारूद लाने के लिए आते जाते रहे। तीसरी बार जब वह गोला बारूद लाने के लिए जा रहे थे उसी समय एक गोला उनके फायरिंग करने वाली जगह के समीप आ गिरा। पास गिरे गोले का एक टुकड़ा निकलकर छाती में आकर लग गया, जिसके कारण वह घायल हो गये, किन्तु घायल होने के बाद भी वह अपने गोला बारूद वाले बंकर की ओर आपूर्ति के लिए जाने के लिए प्रयास करते रहे। लेकिन ज्यादा घायल हो जाने के कारण यह अपने गोला बारूद बंकर के पास ही अचेत हो गये और अंततः 2245 बजे भारत मॉं का यह वीर सपूत उनकी गोद में सो गया। नायक वेद प्रकाश की अप्रतिम वीरता और साहस के लिए 31 अगस्त 1996 को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

नायक वेद प्रकाश का जन्म 01 जुलाई 1960 को जनपद बुलन्दशहर के गॉंव मोहवली पुर में हुआ था, गौतमबुद्ध नगर जिला बनने के बाद अब इनका गांव गौतमबुद्ध नगर के विकासखंड जेवर में आता है  । यह 14 फरवरी 1981 को भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट में भर्ती हुए और प्रशिक्षण पूरा होने के पश्चात  15 राजपूत रेजिमेंट में तैनात हुए थे । वीरगति दिवस (31 अगस्त)   – हरी राम, यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश

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