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अनसुलझा है डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्देशक सनोज मिश्रा के गायब होने का राज – संजय भूषण पटियाला

neerajtimes.com – 14 अगस्त 2014 कोलकाता से गायब हुए द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्देशक सनोज मिश्रा गत दिनों बनारस के अस्सी घाट पर अस्त व्यस्त हालात में मिले थे। अब मिलने के बाद सनोज सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही घटना के बारे में बताने की बात कह रहे हैं। 14 अगस्त को गायब होने और 48 घंटों तक उनसे किसी भी प्रकार से सम्पर्क नहीं होने की सूरत में लखनऊ में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने गई उनकी पत्नी द्युति मिश्रा को गोमती नगर विस्तार थाने ने बगैर रिपोर्ट लिखे लौटा दिया था। अब जब मिश्रा वापस आ गए हैं तब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है । मसलन सनोज मिश्रा के साथ क्या कोई हादसा हुआ है जो वे मुख्यमंत्री से मिलकर उसके बारे में बताना चाहते हैं ? क्या किसी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है ? या यह सारा मामला पब्लिसिटी स्टंट है,इसी तरह के कई अनुत्तरित सवाल हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है । सनोज मिश्रा के परिवार के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक उन्होंने जब से फ़िल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल बनाई है तभी से लगातार उन्हें कोलकाता पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है । दरअसल सनोज कहते हैं कि काफी रिसर्च और अनुसंधान के बाद हालातों का गम्भीरता से आंकलन करके उन्होंने इस फ़िल्म की बुनियाद रखी थी। कहानी को लेकर निर्माता ने उन्हें आगे बढ़ने की बात कही और तब इन लोगों ने फ़िल्म के काम को आगे बढाया। फ़िल्म जब बनकर तैयार हो गई और पहली बार इस फ़िल्म का ट्रेलर आया तब से सनोज मिश्रा को टारगेट करके उनके मुम्बई आवास पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया। लगातार सनोज मिश्रा के आवास पर कोलकाता पुलिस के नोटिस आने लगे और इन्हें फोन पर धमकाया जाने लगा। कोई पुलिसवाला बनकर धमकाता तो कोई अपने आप को धर्म विशेष का बताकर इन्हें फ़िल्म ना रिलीज करने और छुप जाने की बात करने लगता। परेशान होकर सनोज ने सारी बात अपने फ़िल्म निर्माताओं के समक्ष रखी तो इन लोगों ने भी समस्या का मिलजुलकर समाधान करने की बात कही फिर सनोज अपना बना बनाया कैरियर और कारोबार छोड़कर लखनऊ शिफ्ट हो गए। फिर भी इनकी परेशानियां कम नहीं हुई। उनको यहां पर भी पश्चिम बंगाल पुलिस से लगातार थ्रेट आते रहे और इसी बीच फ़िल्म रीलीजिंग में होती देरी के कारण सनोज मिश्रा पर काफी सारा कर्जा हो गया। आख़िर में सनोज मिश्रा ने 14 अगस्त को कोलकाता जाकर पश्चिम बंगाल पुलिस के जाँच अधिकारी से मिलने का निर्णय लिया और उसी दिन लखनऊ से फ्लाइट लेकर वे कोलकाता पहुंचे। वहां उनके कानूनी सलाहकार शांतनु सिन्हा ने इन्हें कोलकाता उच्च न्यायालय में एक फ्रेश पिटीशन दायर करने को कहा। कोलकाता पहुंचने के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से सनोज ने अपना मोबाइल बन्द कर लिया था।अगले दिन स्वतन्त्रता दिवस होने के कारण सब कुछ बन्द था, तो सनोज ने उस दिन माँ काली के दर्शन का निर्णय लिया और 16 अगस्त को कोर्ट के खुलने का इंतज़ार करने लगे । 15 अगस्त को जब तक वे मां काली के मंदिर पर पहुंचे तब तक मंदिर के कपाट बंद हो चुके थे और शाम 4 बजे तक खुलने की बात बताई गई। तब सनोज मिश्रा ने लगभग साढे़ तीन बजे अपने  मुम्बई के कानूनी सलाहकारों को फोन कर सम्पर्क किया और फिर उसी के कुछ समय बाद ही उनको अपने आसपास कुछ संदिग्ध लोग दिखाई देने लगे जो शायद सनोज को ही ढूंढ़ने के इरादे से उधर आये थे और मोबाइल जरिए उनको ट्रैक किया जा रहा था।थोड़ी देर में संदिग्धों की बढ़ती संख्या देखकर सनोज को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने वहाँ से बिना दर्शन किये हुए ही निकल जाने का निर्णय लिया। सनोज को फिर भी अंदेशा हुआ कि कोई  उनका पीछा कर रहा है तो उन्होंने अपने दोनों मोबाइल को कचरे के डब्बे में फेंक दिया और हावड़ा स्टेशन की तरफ निकल गए ।  हावड़ा से उन्होंने दून एक्सप्रेस पकड़कर निकल जाने का निर्णय लिया। वे  दून एक्सप्रेस से होकर हरिद्वार जा रहे थे लेकिन बीच में बनारस में उतर गए और वहीं पर काशी में अस्सी घाट पर भिखारियों के बीच रहने लगे। सम्पर्क का कोई साधन नहीं होने के कारण वे बाकी दुनिया सहित अपने परिवार से भी संपर्क नहीं कर पा रहे थे।

इधर इनके गायब होने और किसी भी प्रकार से सम्पर्क नहीं होने के कारण सनोज मिश्रा की पत्नी और परिवार की हालत काफी खराब थी और उन्होंने सनोज की वापसी के लिए उनके अभिनेता सांसद मित्र रवि किशन सहित देशभर के तमाम लोगों से सनोज को ढूंढने में मदद करने की अपील की। द्युति मिश्रा की अपील पर हिमाचल प्रदेश से लोकसभा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने गृह मंत्रालय के सहयोग से सनोज मिश्रा को कोलकाता में ढूंढ़ने के प्रयास शुरू कर दिये ,और इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी सम्पर्क की कोशिश हो रही थी। सबसे अपील करने के बाद द्युति मिश्रा ने स्वयं ही सनोज मिश्रा को ढूंढ़ने के लिए कोलकाता जाने का निर्णय लिया और वे खुद लखनऊ से ट्रेन पकड़कर कोलकाता के लिए निकल पड़ी। उनके सहयोग के लिए लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने ने भी अपनी एक टीम लगा दी।जब इन लोगों की रेलगाड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर में पहुंची तभी द्युति मिश्रा के फेसबुक पर एक अनजान शख्स का मैसेज आया कि सनोज मिश्रा को बनारस के अस्सी घाट पर देखा गया है। फिर द्युति मिश्रा ने अपने साथ यात्रा कर रहे पुलिस वालों और सहयोगियों को बताया और बनारस लौटने का निर्णय लिया। बनारस पुलिस और  स्थानीय प्रशासन ने सनोज मिश्रा को अस्सी घाट से बरामद कर द्युति मिश्रा के हवाले कर दिया। वहां पर मानसिक हालत ठीक नहीं होने के कारण द्युति मिश्रा सनोज को लेकर लखनऊ आईं और वहां पर राजधानी अस्पताल में दो दिनों तक इलाज कराया। इस पूरे प्रकरण में द्युति मिश्रा ने कंगना रनौत, भारतीय गृह मंत्रालय और लखनऊ पुलिस का धन्यवाद किया और आभार प्रकट कर कहा कि इन लोगों के सहयोग के बगैर सनोज की सकुशल वापसी संभव नहीं थी। इधर अपने गायब होने और बनारस से मिलने के बीच के घटनाक्रम के बारे में सनोज मिश्रा ने कहा कि अभी कुछ अधूरी बातें हैं, वे विस्तार से कुछ बातें केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिलकर बताना चाहते हैं। मामले में अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ टिकी हुई है क्योंकि सनोज मिश्रा ने मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए समय मांगा है ।इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि सनोज मिश्रा की फिल्म डायरीऑफ वेस्ट बंगाल प्रदर्शन के लिए तैयार है और यह घटनाक्रम इस फिल्म को पब्लिसिटी दिलाने का एक तरीका मात्र है।(विभूति फीचर्स)

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