जरा सोंच के दिल लगाना सही है,
कि ये प्यार होतो निभाना सही है।
भरोसा नहीं है यहाँ पर किसी का,
अगर प्यार हो मुस्कुराना सही है।
धड़कता कलेजा हमेशा जहाँ में,
नजर का इशारा जताना सही है।
चलो देख के हर जगा बेवफाई,
नसीबा न रूठे जगाना सही है।
अभी दूर मंजिल किनारा न सूझे,
चलो जोर भी आजमाना सही है।
बिना आजमाये मिला क्या बताओ,
जमाना कहे की निशाना सही है।
यहाँ जिंदगी भी तमाशा लगे’अनि’,
यही बात सबको बताना सही है।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड