मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

उठी यार दिल में कसक प्यार की,

हमें  अब जरूरत है इजहार की।

 

पढ़ी आज हमने तुम्हारी गजल,

लिखी शायरी आज अधिकार की।

 

खिलाऐं सुमन आज दिल शाख पर,

चुनेंगे सभी फूल  बस प्यार की।

 

मुहाने खड़े आज पथ के सभी,

खबर आज लेंगे वो परिवार की।

 

जुबां से कहो आज दिल की सभी,

बड़ी प्यास है यार दीदार की।

 

मुहब्बत भी तेरी लुभाती हमें,

ग़ज़ल गुनगुनाती हूं मैं प्यार की।

 

दिखी धूप नफरत की परिवार में।

चलो छांव लायें सभी प्यार की।

– रीता गुलाटी  ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

प्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

newsadmin

कर्नाटक में नाटक न आया काम – हरी राम

newsadmin

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

Leave a Comment