प्रेम की मूरत कहे या खिली कलियां कहे,
सिलसिला खुशियो का यारा चाँद सा बढ़ता कहे।
खूब उँचा तुम उड़ो,रखती सदा रीतू कामना,
हो भरा खुशियों से दामन, दिल मेरा सच्चा कहे।
तुम सदा हँसती रहो,भगवान से है प्रार्थना,
जिंदगी हँसते ही गुजरे बस सदा महका करे।
जुल्फ तेरी अब बनी नागिन सी काली आज तो,
जन्मदिन है आज रीतू जी का खुशियाँ कहे।
हो मुरादे आपकी पूरी सभी हरहाल में,
दूर तुम रहना गमो से,बस दुआ,क्या कहे।
सिलसिला खुशियो का यारा तू सदा देखना अजी,
प्रेम की मूरत कहे या खिली कलियां कहे।
खूबसूरत आप का चहरा बड़ा प्यारा लगे।
दिल को थामूँ आज कितना रूप सोना सा कहे।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़