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आया है शिव मास सखी री – आर.सूर्य कुमारी

आया है शिव मास सखी री,

आया है शिव मास।

 

आसमान पर बादल मंडराए,

रिमझिम – रिमझिम पानी बरसाए

जगत की शिलाओं का —

होता है अभिषेक सखी री,

होता है अभिषेक।

 

आया है शिव मास सखी री,

आया है शिव मास।

 

हरियाली में जग सारा है डूबा,

बागों में हरी बालाओं का डेरा।

हरा – हरा आंचल उड़ता है,

उड़ता है अतिरेक सखी री,

उड़ता है अतिरेक।

 

आया है शिव मास सखी री,

आया है शिव मास।

 

सावन में शिव जी यों आए,

नाच-नाच जग को भरमाए।

मानों शिवालयों पर—

जग दृष्टि है अनिमेष सखी री,

जग दृष्टि है अनिमेष।

 

आया है शिव मास सखी री —

आया है शिव मास।

 

जग बेलपत्र और जल चढ़ाए,

इतने में प्रभु आनंदित हो जाएं।

मानों मंदिर के द्वार पर —

न दिखता भूमि अवशेष सखी री,

न दिखता भूमि अवशेष।

 

आया है शिव मास सखी री,

आया है शिव मास ।(विनायक फीचर्स)

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