Neerajtimes.com – भारतीय चुनाव में पाकिस्तान के नागरिक विशेष रुचि ले रहे इसीलिए इस पर और पाकिस्तान के समाचार पत्रों में लंबे-लंबे लेख लिखे जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को लेकर पाकिस्तान के समाचार पत्र बहुत सख्त है। उनका कहना है कि यदि भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सत्ता में आती है तो भारत-पाकिस्तान के संबंधों में कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिल सकता।
इस्लामाबाद से प्रकाशित होने वाले उर्दू समाचार पत्र जंग में महिला पत्रकार करीना लोधी ने लिखा है कि पाकिस्तान मे हवाओं का रुख बदल गया है । पाकिस्तान सरकार भारत में मधुर संबंध बनाने की इच्छुक है। नई सरकार चाहे किसी भी पार्टी की बने, उन्हें भी मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है, भारत-पाक पहले भी दो परतयज्ञ युद्ध लड़ चुके हैं। 1965 और 1971 के युद्ध में दोनों देशों का नुकसान हुआ था। जब से पाकिस्तान में नई सरकार बनी है तभी से पाकिस्तान के व्यापारी सरकार पर दबाव बना रहे है कि दोनों देशों के बीच व्यापार का रास्ता खोला जाए।
एक अन्य पत्रकार नूर अकरम ने अपने समाचार पत्र में लिखा है कि दोनों देश आतंकवाद से पीडि़त है, दोनों सरकारों को मिल जुलकर आतंकवाद की समाप्ति के लिए कदम उठाने चाहिए। हालांकि पाकिस्तान सरकार को मालूम है कि भारत में आतंकवाद फैलाने और नशीले पदार्थ भेजने के लिए कौन-कौन से लोग सक्रिय है। पाकिस्तानी मीडिया ऐसे गिरोहों का पर्दा फाश करती है लेकिन पाकिस्तान सरकार इन पर कोई एक्शन नहीं लेती।
डॉन समाचार पत्र के सिद्दीकी रहमान ने लिखा है कि यदि भारत में मोदी सरकार दोबारा रिपीट होती है तो हिंद-पाक के संबंध सुधरने वाले नहीं है। क्योंकि मोदी हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। मोदी सरकार ने मुस्लिम समाज का शोषण किया है और अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करके राम मंदिर का निर्माण किया है। मोदी सरकार संविधान में संशोधन करके मुसलमान को दूसरे दर्जे का नागरिक बना सकती है। यदि भारत में कांग्रेस सरकार आए तो मुस्लिम समाज को कुछ राहत मिल सकती है, मुस्लिम समाज सदा कांग्रेस के शासनकाल में सुरक्षित रहा है। गुजरात के दंगों से प्रभावित हुए मुसलमान आज भी मोदी को कसाई कहते हैं। मोदी के शासनकाल में मुस्लिम समाज सुरक्षित नहीं है। एक के बाद एक मस्जिदों को शहीद किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक चालेें चल कर पाकिस्तान को बदनाम किया जा रहा है।
पाकिस्तान के उर्दू समाचार पत्र भारतीय चुनाव से भरे पड़े हैं। उनका मानना है कि यदि हिंदुस्तान में दोबारा मोदी जीतता है तो वह पाकिस्तान के विकास में कांटे खड़े कर सकता है। यदि भारतीय जनता पार्टी ने 400 का आंकड़ा पार कर लिया तो मोदी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले ले सकता है जिससे पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो सकता है।
नवाए वक्त समाचार पत्र में हिमा कुरैशी ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समाज से इतनी नफरत करती है कि उन्होंने भारतीय लोकसभा की 542 सीटों पर एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया।
पाकिस्तान के प्रसिद्ध पत्रकार हैदर हुमायूं ने अपने लेख में लिखा है कि मोदी की मुस्लिम विरोधी नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश ,बिहार के मुसलमान नेशनल एलायंस के पक्ष में खड़े हो गए हैं, उससे लगता है कि मुस्लिम बाहुल्य धनी आबादी वाले प्रदेशों में मोदी को बहुत नुकसान होने वाला है जिसके कारण वह तीसरी बार सत्ता में नहीं आ सकते।
भारत की अन्य राजनीतिक पार्टियों जैसे कांग्रेस, एस.पी इत्यादि ने बड़े पैमाने पर मुसलमानों को टिकट दिए हैं जो आपसी भाईचारे का अच्छा प्रतीक है।
पाकिस्तान सरकार के साथ-साथ पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की निगाहें भी भारतीय चुनाव पर लगी हुई है। मरियम नवाज भी चाहती हैं कि भारत के साथ खुला व्यापार खोला जाए, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था सुधर सके।
पाकिस्तान के बड़े कालम नवीस डॉक्टर सुल्तान अहमद ने लिखा है कि जहां पाकिस्तान में हाल ही में नई सरकार का गठन हुआ है वहीं भारत में दो माह बाद चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, देखना होगा कौन सी पार्टी सत्ता में आती है। दोनों बड़ी शक्तियां हैं युद्ध के बारे में कोई सोच नहीं सकता। एक तरफ पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है इसलिए वह युद्ध के बारे में सोच भी नहीं सकता।
उधर भारत विश्व की चौथी महान शक्ति बनने के नजदीक पहुंच रहा है, भारत को चाहिए कि वह पाकिस्तान को अपने छोटे भाई की तरह व्यवहार करें ताकि दोनों देशों की गरीबी दूर हो सके। शिक्षा के क्षेत्र में पाकिस्तान बहुत कमजोर है वही आपसी संबंधों से शिक्षा स्तर का सुधार होना चाहिए, पाकिस्तान के दिल के रोगियों की आधुनिक सर्जरी को भारत में करवाने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मोदी को हिंदू-मुसलमान का नारा छोड़ एशिया में विकास का नारा बुलंद करना चाहिए। पाकिस्तान हिंदुस्तान से निकला हुआ एक राष्ट्र है ,दोनों देशों के प्रतिनिधियों को आपसी दुश्मनी भुलाकर विकास के पथ पर चलना चाहिए। (विनायक फीचर्स)