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ग़ज़ल – रीता गुलाटी

घर सजा तेरा भी फूलों का रहे,

रात दिन बस राज खुशियो का रहे।

 

यार देते आज तुमको हम दुआ,

आपका ये साथ जन्मों तक रहे।

 

जिंदगी खुशियो से तेरी हो सदा,

साथ मीठे यार रिश्तों का रहे।

 

प्रेम का आँगन सदा महके बड़ा,

घर भी जैसे आज सपनों का रहे।

 

घर तुम्हारा फरिश्तो सा अब सजा,

प्यार बुनता आज धागों का रहे।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

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