मनोरंजन

आओ दौड़े – सुनील गुप्ता

आओ

मिलकर हम दौड़ लगाएं

रोग दोष सभी तन-मन के मिटाएं  !

अलभोर में उठके करलें मस्ती…..,

आओ, चलें मित्रों संग मौज मनाएं !!1!!

 

जागो

आया दिनकर है जगाने

जीवन में खुशियाँ आनंद बरसाने !

चलो दौड़ पड़ें और आलस्य भगाएं…,

आओ, बन गगन पंछी गीत सुनाएं!!2!!

 

गाएं

खुशियों के गीत तराने

भरें धरा पे हो उन्मुक्त कुलांचे  !

चलें जीवंत जीवन की संभावनाएं तलाशें….,

आओ, फिर से बन जाएं हम तुम बच्चे !!3!!

 

पाएं

ढेरों छोटी-छोटी खुशियाँ

चलें उन्हें अपनों बीच यहाँ बाँटते  !

फिर से महकालें तन मन जीवन बगिया…,

आओ, चलें हरेक पल हँसते मुस्कुराते !!4!!

 

छाई

चहुँओर है बेला सुंदर

खिल-खिल आएं हैं शुभानन सभी के  !

करलें जी भरकर अमृतपान ये मधुर…..,

आओ, चलें जीएं जीवन तत्क्षण में अभी !!5!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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