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लावणी छंद – मधु शुक्ला

प्राप्त लक्ष्य होता है जग में , उच्च मनोबल धारक को,

अथक परिश्रम लगन धैर्य ही, विजय दिलाते साधक को।

 

आशावादी जहाँ नजरिया, वहाँ नहीं मन घबराता,

जीवन मंगल दायक बनता, खुशियों से जुड़ता नाता।

 

सोच व्यक्ति की जनहित वाली,अपनापन बरसाती है,

प्रेम और विश्वास छाँव ही, रिश्तों को महकाती है।

 

उन्नति का जरिया शिक्षा से, उत्तम और नहीं होता,

बीज नाम यश वैभव वाले, हरदम दीक्षित ही बोता।

 

जीवन है संग्राम सभी का, कर्म अस्त्र जय दिलवाते,

कर्म वीर ही जीवन धन को, सार्थक जग में कर पाते।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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