मनोरंजन

गजल – रीता गुलाटी

है हसरत उन्हे याद आने की रातें,

नही भूल पाते भुलाने की रातें।

 

मुहब्बत मे जलवा दिखाने की रातें,

बड़ी खूबसूरत छुपाने की बातें।

 

फकत आपसे अब किया प्यार गहरा,

मगर  भूल बैठे मनाने की रातें।

 

नही पास मेरे तुम्हे ढूँढते है,

वो छुप छुप निगाहें चुराने की रातें।

 

चलो आज खोजे वो  प्यारे फसाने,

करे याद फिर हम वो गाने की बातें।

 

रहे आज चुप हम लबो से कहे ना,

करे याद हम भी जमाने की रातें।

 

कहाँ खो गये हो,भुलाकर हमें तुम,

नही याद मिलने मिलाने की रातें।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

एहसास – ज्योति

newsadmin

ग़ज़ल हिंदी – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

जाऊॅं कहाँ – नीलकान्त सिंह

newsadmin

Leave a Comment