मनोरंजन

गजल – मधु शुकला

नशा कर के मुहब्बत का जिये हम,

नहीं जज्बात को घायल किये हम।

 

जमाने की हिदायत कर किनारे,

खुशी से प्रेम का अमृत पिये हम।

 

कभी जब सामना गम से हुआ तो,

खुशी से अश्रु अपने पी लिए हम।

 

समय की धार ने परखा हमें जब,

सहारा एक दूजे को दिए हम।

 

निधि अनमोल चाहत की कमाकर,

सुरक्षा हेतु अपने लब सिए हम।

— मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश

Related posts

पूर्णिका – श्याम कुंवर भारती

newsadmin

करना धनवर्षा उस घर धनतेरस – गुरुदीन वर्मा.

newsadmin

ग़ज़ल – अनिरुद्ध कुमार

newsadmin

Leave a Comment