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ग़ज़ल – ज्योति श्रीवास्तव

हुनर  तुम्हें   बा-कमाल  देंगे,

सभी  जहां  में  मिसाल  देगे।

 

नई सी उम्मीद है मन में जागी,

जो  रग   में   मेरे  उबाल  देंगे।

 

जो  याद दिल गर मुझे करेगा,

करीब  आकर   संभाल   देंगे।

 

ग़ुलाब   देंगे   किये  मुहोब्बत,

निशानी  तुझ को  रुमाल  देंगे।

 

जहां   मिलेंगे  ये  दिल  हमारा,

तो  गाल  पर  हम  गुलाल देंगे।

 

रहो नाकारा न बन के तुम अब,

करो  न   खेती   कुदाल   देंगे।

 

कभी न मुश्किल से ज्योति डरना,

खुदा   भी   हल  बेमिसाल  देंगे।

– ज्योति श्रीवास्तव, नोएडा, उत्तर प्रदेश

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