मनोरंजन

मौन साधिका – भूपेश प्रताप सिंह

पीठ पर सन्तान को बाँधे

टूटी चप्पल पहने कुछ बुदबुदाती-सी

चिलचिलाती धूप में चलती

युवती भी तो हिन्द की बेटी है

विकास के अंतिम पायदान पर भी

अपनी जीवन को न हारने वाली

इस साधिका के मान में छिपा है

भारतीय संस्कृति का अजस्र स्रोत

नर समाज में ऐसी दिव्य शक्ति

अब भी शाब्दिक है।

उस क्षण मौन जाता हूँ

जब अचानक  मुड़कर देखता हूँ

विश्व के अतीत और वर्तमान को

और विवश हो जाता है मेरा मन

यह सोचने के लिए हर उस क्षण को

जब जीवन की भागदौड़ में वही

सबसे अधिक उपेक्षित  रह जाती है

जो संघर्ष को जी कर भी शान्त है

दुनिया की नज़रों में फिर भी

वही है युद्ध का कारण।

– भूपेश प्रताप सिंह, प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश

फोन नंबर – 9643849558

Related posts

मेरी कलम से – डॉ. निशा सिंह

newsadmin

नेह का बंधन – मधु शुक्ला

newsadmin

मेरी कलम से – यशोदा नैलवाल

newsadmin

Leave a Comment