मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

रात ख्वाबों मे यार तुम आए,

सोचता दिल बता कि बिसराए।

 

दर्द देकर गया कोई हमको,

हम तेरे बाद कितने पछताए।

 

हाय हमसे खफा हुऐ इतने,

फिर भी जाने हमे वो शरमाए।

 

हो गयी अब नशे मे ये आँखे,

रात भर नींद मे जो तुम आए।

 

यार झूठे रहे सदा से तुम,

प्यार करके बड़ा ही पछताए।

 

जन्नत-ए-जिंदगी तबाह मेरी,

यार कैसे तुम्हे ये समझाए।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का जागरूकता कार्यक्रम संपन्न

newsadmin

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

Leave a Comment