(1) ” सं “, संयमित जीवन और संकल्प शक्ति
सदा दिलाएं हमें मनचाहे परिणाम !
और फिर ले चलें सिद्धि की ओर….,
चले देश छूते विकास के नए आयाम !!
(2) ” क “, कर्म हों हमारे यदि नेक सभी
तो, सदैव संकल्प पूरे हुए चलते !
और जीवन में मिलते परिणाम सुखद…..,
फिर, खुश होकर आगे सभी बढ़ते !!
(3) ” ल् “, ल्हीक से कभी विमुख होएं नहीं
और करते चलें संकल्पों को पूरा !
धैर्य आत्मविश्वास संतोष धरकर….,
करते रहें तय लक्ष्यों को समय पे पूरा !!
(4) ” प “, परिश्रम और लगन सदैव दिलाए
जीत जीवन में हमको यहां पर !
संकल्प के आगे कोई टिक ना पाए….,
रखें स्वयं पे विश्वास बनाए यहां पर !!
(5) ” संकल्प “, संकल्प शक्ति से जीती जा सकती
जीवन की हरेक जंग और लड़ाई !
बस कभी ना किसी को कम आंकें…..,
और चलें समझते जीवन की सच्चाई !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान