मनोरंजन

भूकंप – सुनील गुप्ता

(1) ” भू  “, भू कांप उठी

सहम गया शहर  !

भगामभाग मची….,

दिखा चहुँओर कहर !!

(2) ” कं “, कंपन था भयावह

अलभोर का समय !

भागे सब बाहर….,

छोड़ भोग विलास विषय !!

(3) ” प “, पता चले जब तक

गुजर चुका भूकंप !

भय डर के मारे……..,

थर्रा गए सब  !!

(4) ” भूकंप “, भूकंप की तीव्रता

थी बड़ी मध्यम  !

प्रकृति की चित्कार…,

याद दिलाए भूकंप !!

(5) ” भूकंप “, भूकंप बाढ़ जलजला

या सुनामी तूफान  !

पुकार रही प्रकृति…,

जाग जाओ इंसान  !!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

Related posts

राष्ट्रीय कवि संगम’ महिला इकाई देहरादून का वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास के साथ हुआ सम्पन्न

newsadmin

महिला कल्याण समिति द्वारा बोकारो टेलीकॉम उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

newsadmin

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

Leave a Comment