मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

यार रहना तुम सदा खुश इक दुआ है बस।

चाँद तारों को छुओ तुम,कामना है बस।

 

ख्याब आँखो मे सजाया बस वो पूरा हो।

वंदना जी जन्मदिन पर ये दुआ है बस।

 

दूर तुम रहना दुखों से,खुश रहना तुम।

तुम सदा हँसती रहो ये भावना है बस।

 

आप को चाहे सभी ये प्यार है तेरा।

गीत सुन लेगे तुम्हारे ये नशा है बस।

 

मुस्कुराती तुम सदा रहना यूँ जीवन में।

आपको मिल जाये खुशियाँ*ऋतु दुआ है.बस।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

प्यारे नेता जी – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

newsadmin

शख्शियत तलाशती मैं – राधा शैलेन्द्र

newsadmin

मां के नाम एक गीत लिखूं – सुन्दरी नौटियाल

newsadmin

Leave a Comment