मनोरंजन

जिंदगी बदल जाएगी – मधु शुक्ला

जिंदगी  चुटकियों  में  बदल  जायेगी,

जब  दुआ  कोई  मिलने चली आयेगी।

 

छल, कपट त्याग पावन हृदय यदि रखो,

निधि भरोसे की रिश्तों को महकाएगी।

 

बन  सको तो सहारा  बनो  मित्र का,

तन्हाई  तुम्हें  फिर  न  डस पायेगी।

 

भेद  बेटा व  बेटी  में  तज दीजिए,

गीत  दुनियाँ  समता के फिर गायेगी।

 

ज्ञान  व्यवहार में  धार कर देखिए,

मंजिलों  तक  यही सीख पहुचायेगी।

 

अतिक्रमण घर में करना तजो भाईयो,

सफल  जिंदगी तब  ही कहलायेगी।

 

प्रेम का मोल जब जान जायेंगे हम,

जिंदगी  हर घड़ी तब ही हर्षायेगी।

— मधु शुक्ला,सतना, मध्यप्रदेश

Related posts

आज तक बाकी तुम्हारा – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

छंद – नीलू मेंहरा

newsadmin

हिन्दी: कब बनेगी हमारी राष्ट्रभाषा? – डॉ सत्यवान ‘सौरभ’

newsadmin

Leave a Comment