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सरल विरल बनें – सुनील गुप्ता

है सरल बनना नहीं यहां आसान

और जीवन में बने रहना यहां सरल  !

बस, करते चलें हम अपने काम…..,

और बने रहें सदा सरल हर पल !!1!!

 

रहे जो जीवन में बन सरल

है वही असलियत में यहां विरल  !

वरना, कहां रह पाते लोग सरल……,

और ज़िन्दगी गुज़र जाती दिखावे में हर पल !!2!!

 

ग़र, सरल बनके हम रहना चाहें

तो, करना है कुछ भी यहां नहीं  !

बस, कम करदें अपनी लोभ इच्छाएं…,

और रहें संतुष्ट, सोचें सदा सही !!3!!

 

बना रहे जो यहां अपने स्वभाव में

वही रह पाए जीवन में सदा सरल  !

जिसके मन में हों नहीं कोई दुर्भाव…..,

वही बन पाए है जीवन में विरल !!4!!

 

है जीवन उसी का सुखी प्रसन्न यहां

जो रखता है न्यून इच्छाएं मन में   !

और करे चलता जीवन में नित उन्नयन…..,

वही बने सरल विरल इस जीवन में  !!5!!

 

है यही जीवन का सत्य यथार्थ

कि,  सबकुछ लगता है यहां सरल  !

बस, सरल बनना ही है कठिन यहां ….,

और सरलता से विरल होना और भी मुश्किल !!6!!

 

जीवन की प्रत्येक सच्चाई को

चलें सदा सहर्ष करते हम स्वीकार  !

और सरल बनने का करें सतत प्रयास….,

यही है जीवन का सार्थक सुविचार !!7!!

-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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