भारतीय संस्कृति की चर्चा,जब होती संसार में,
ध्यान सभी का केंद्रित रहता,श्रेष्ठ अतिथि सत्कार में।
सद्भावों के हेतु नगर से,गाँव अधिक मशहूर हैं,
सहयोग सदा दिखे यहाँ पर,जनमानस व्यवहार में।
देवालय सम घर को हमने, दिया सदा सम्मान है,
प्रेम, त्याग, ममता की दौलत,बढ़ती है परिवार में।
जहाँ एकता भाई चारा ,हँसता मुस्काता रहे,
ईश वहाँ पर हाथ बँटाता,उन्नति के विस्तार में।
— मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश .