हाथों ने पूछा, पैरों से
सब तुम्हें ही करते प्रणाम !
एक बात बताओ मुझको ज़रा………,
क्यों नहीं करते मुझे ये प्रणाम !!1!!
पैरों ने कहा, उसके लिए
रहना पड़ता है, ज़मीं पे !
हवा में जो उड़ते हैं लोग ……,
उन्हें कौन प्रणाम करे !!2!!
ये जानले और बूझले
यहां सम्मान पाते वही !
जो रहते विनम्र और सरल….,
दिल में बसते हैं वही !!3!!
तू छोड़ दे, करना चाकरी
और आया कर समय पे काम !
इज्जत वही पाते हैं यहां…..,
जो देते दूजों को सदा मान !!4!!
है नियम बड़ा सीधा सरल
बस करता चल परमार्थ !
लोग जुड़ते चलेंगे यहां ……,
और पा जाएगा जीवन अर्थ !!5!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान