(1)”है”, है छोटी सी ज़िन्दगी
ख़ूब ख़ुश रहा करो !
कर लिया करो बंदिगी……,
और मस्त रहा करो !!
(2)”छोटी”, छोटी-मोटी शैतानी
कभी कभार किया करो !
और आँखमिचोली का खेल……,
कभी खेल लिया करो !!
(3)”सी”, सीधी सरल मृदुभाषा
और प्रीति संग बोल !
खुलकर करले प्रशंसा……,
और दिल को रखदे खोल !!
(4)”ज़िन्दगी”, ज़िन्दगी ज़िंदादिली से
हो बेफिक्री से जी !
छोड़ मायूसी को यहां पे…..,
जीवन आनंद से भर ले !!
(5)”है छोटी सी ज़िन्दगी”,
बांटते चल खुशियां !
भूला दे दुःख गमी को….,
महका ले जीवन बगिया !!
(6)”है छोटी सी ज़िन्दगी “,
पल-पल जीते चल !
आज अभी को बनाले अपना….,
देखा है किसने कल !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान