या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दुर्गा का अष्टम स्वरूप मां महागौरी,
चार भुजाओं वाली वृषारुढ़ा मां,
चन्द्र, कुंद और शंख स्वरुपा मां,
नित तेरी उपासना करु वरदान दो।
कठोर तपस्वनी, अपर्णा रुप मां,
भूख, कष्ट और दुख व्यसनों को मिटा,
मां तुम सर्वव्यापी सर्वज्ञ हो,
जीवन में भय त्रासदी दूर करो मां।
शिव की अर्धांगिनी, विधि धारणी
हमें सच्चरित्रता शांति प्रदान करो मां,
चैतन्य स्वरुपा कल्याण प्रदायिनी मां
गंगा जल अलौकिक सिद्धियां दो मां।
– कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार, रुद्रप्रयाग उत्तराखंड