मनोरंजन

होली हुड़दंग — अशोक यादव

पीला, लाल, हरा, गुलाल, लेकर आना हमजोली।

रंगों का बौछार और हंसी-खुशी से आयी है होली।।

 

निर्मल रंग की साड़ी पहन के निकालना आंगन में।

पकड़ हाथों में पिचकारी राह देखूंगा खुली लेन में।।

 

स्वागत करेंगे तुम्हारी इंद्रधनुषी आकाशीय सतरंग।

झूमेंगे, नाचेंगे, मस्ती में चूर हम दोनों पियेंगे भंग ।

 

राधा-कृष्ण की मधुर प्रेमकथा फाग गीत गाऊंगा।

थिरक उठेगी प्रकृति ऐसा ढोल-नगाड़ा बजाऊंगा।।

 

मत काटना तुम हरे वृक्षों को करने होलिका दहन।

खोकर अपनी प्राणवायु सभ्य से असभ्य हो मगन।।

 

मोक्षाग्नि में जला दो अपने अंदर की सारी बुराईयां।

नैतिकता, व्यवहार, जीवन चरित्र न बदले यारियां।।

 

मनाओ‌ वसंतोत्सव एकता व भाईचारे का संदेश हो।

सामाजिक, संस्कृति और मुस्कान का समावेश हो।।

– अशोक कुमार यादव,  मुंगेली, छत्तीसगढ़

Related posts

सत्ता सुंदरी की होली – प्रदीप सहारे

newsadmin

आगे पोरा के तिहार – अशोक यादव

newsadmin

गणतंत्र दिवस – सुनील गुप्ता

newsadmin

Leave a Comment