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खेलो होली, फूलों संग मतवाली – सुनील गुप्ता

(1)”खेलो “, खेलो खेलो रे होली

फूलों संग मतवाली होली  !

मस्ती करते नाचें रे….,

आयी रंग बिरंगी होली !!

(2)”होली “, होली मिलाए हमजोली से

करते आँख मिचोली  !

घूमें आगे पीछे सखियाँ सारी….,

छेड़ती चले रे ये टोली !!

(3)”फूलों “, फूलों संग जो खेली होली

प्रिय सखियां आ सब फ़िर डोली  !

मनभावन फूलों संग जमकर….,

खेली मिलकर हंसते होली !!

(4)”संग “, संग साथ झूमें रे टोली

घर आँगन में सजी रंगोली  !

मीठी गुंजिया खाएं सारे….,

बोलें मीठी मीठी मधुर बोली  !!

(5)”मतवाली “, मतवाली चाल चलती चली रे

होली गले लगाते मिली रे  !

सबके आनन खिलखिलाए……,

कलियां मन बागों में खिली रे !!

(6)”खेलो होली, फूलों संग मतवाली”,

छोड़ो रंगों की पिचकारी !

मचाते धूम गली-गली रे ….,

श्यामा कृष्ण संग खेली होली !!

(7)”खेलो होली मचाते हुड़दंग “,

भूल जाएं सारे दुःख गम  !

गले मिलते-मिलाते एक दूजे संग…..,

खेलो होली के सब रंग  !!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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