मनोरंजन

गजल – ऋतु गुलाटी

सोचती क्या ? जरा बताओ तो,

ख्वाब दिल में अजी सजाओ तो।

 

रोज आती मिरे ख्यालो में,

साथ आकर भी मुस्कुराओ तो।

 

चाह तुमको अजी खुदा सा है,

प्यार दिल में जगा निभाओ तो।

 

चाँद तारे गवाह है मेरे,

यार हमको बडा सजाओ तो।

 

भूल जायें जहां के गम सारे,

यार सपने हमें दिखाओ तो।

 

छोड़ गम को जरा हँसे हम भी,

यूहिं तुम अब मुझे हँसाओ तो।

 

बात दिल की तुम्हे बतानी है,

राज हमको जरा बताओ तो।

 

खूबसूरत लगे हमे तुम भी,

पास आकर हमे नचाओ तो।

 

इक नशा सा चढा अजी हमको,

आग दिल मे लगी बुझाओ तो।

– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली, चंडीगढ़

Related posts

आज की सुबह – रेखा मित्तल

newsadmin

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

सशक्त हस्ताक्षर का द्वितीय वार्षिकोत्सव कला वीथिका में अपार सफलता के साथ सानंद हुआ सम्पन्न

newsadmin

Leave a Comment