मिले त्याग में सुख जहाँ , हँसे हृदय सह पीर।
पिया – पिया मनवा रटे, यही प्रेम तासीर।।
अपनापन बिन प्रेम के, सांस न लेता मित्र।
बार-बार इस बात को, दोहराते चलचित्र।।
प्रेम हेतु संसार में, लोग बिकें बिन मोल।
तोड़ रहे दीवार हर, अपनेपन के बोल।।
भक्त और भगवान का, संभव एकाकार।
प्रेम भावना यदि प्रबल, खुलता हरि हृद द्वार।।
— मधु शुक्ला .सतना , मध्यप्रदेश