उत्तराखण्ड

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया

राज्य के बजट निर्माण में जन प्रतिनिधियों, उद्यमियों, व्यापारियों व जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिसमें सभी के सुझाव आमंत्रित किए जाने हेतु जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जनपद के जन प्रतिनिधियों, जिला स्तरीय अधिकारियों, प्रगतिशील किसानों व व्यावसायिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें बजट के संबंध में सुझाव दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित जन प्रतिनिधियों, कृषकों एवं व्यवसायों से कहा कि राज्य सरकार बजट तैयार करने से पहले सभी जन प्रतिनिधियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय एवं कृषि कर रहे किसानों के सुझाव लिए जाएं जिससे कि बजट को सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि बजट संवाद कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों एवं व्यवसायियों द्वारा जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं जिसमें आजीविका को कैसे बेहतर किया जा सकता है साथ ही डेयरी एवं बकरी पालन तथा नगर निकायों को किस तरह से सुदृढ किया जा सकता है तथा केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए किस तरह से और अधिक व्यवस्थाएं की जा सकती हैं इस संबंध में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं उन पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को प्रेषित की जाएगी।
बजट संवाद कार्यक्रम में विकास खंड प्रमुख अगस्त्यमुनि श्रीमती विजया देवी ने अवगत कराया है कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं पेंशन का लाभ गरीब व्यक्तियों को उपलब्ध हो इसके लिए उन्होंने मासिक आय को 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपए करने की मांग की जिससे कि सभी को पेंशन एवं अन्य योजनाओं का लाभ उपलब्ध हो सके। ब्लाॅक प्रमुख ऊखीमठ श्रीमती श्वेता पांडेय ने सुझाव दिया है कि किसानों की फसल को जंगली जानवरों के नुकसान से बचाने के लिए किसानों की फसल को मुआवजा देने के लिए बजट का प्राविधान किया जाए। जन प्रतिनिधियों द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि नगर पालिका एवं ब्लाॅकों में उपलब्ध कराई जाने वाली राशि को भी बढ़ाने का सुझाव दिया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष ऊखीमठ विजय राणा ने सुझाव दिया है कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन एवं क्षेत्र वासियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए चारधाम से अतिरिक्त निधि बनाए जाने का सुझाव दिया गया ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि क्षेत्र में आवारा पशुओं के लिए उचित प्रबंधन किया जाए तथा उनके द्वारा किसानों की फसल का नुकसान के लिए मुआवजा उपलब्ध कराए जाने के लिए बजट का प्राविधान किया जाए।
व्यापार मंडल अध्यक्ष चंद्रमोहन सेमवाल ने कहा कि ठेली एवं फेरी वालों के द्वारा व्यापारियों के व्यवसाय पर काफी प्रभाव पड़ रहा है जिसके लिए उन्होंने सभी के रजिस्ट्रेशन कराने का सुझाव दिया गया। प्रगतिशील किसान कपिल शर्मा ने सुझाव दिया है कि किसानों को बेहतर खेती करने के लिए गुणवत्ता बीज उपलब्ध कराया जाए तथा जिले स्तर पर ही बीज खरीदने की अनुमति दी जाए, इसके साथ ही उन्होंने फीड में सब्सिडी बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया।
कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि अरुणा बेंजवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एचसी हटवाल, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, निदेशक डेयरी श्रवण कुमार शर्मा, दुग्ध संघ के जीएस मौर्य सहित संबंधित अधिकारी, जन प्रतिनिधि, प्रगतिशील किसान एवं व्यवसायी मौजूद रहे।

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