केतु के सम्मान का कुछ ध्यान रख लो ।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो ।।
आचरण इतना अपावन मत दिखाओ ।
आवरण माँ भारती का मत हटाओ ।
हो सके तो आदमी बनकर दिखा दो ,
चैनलों से मज़हबी गोले न दागों ।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो ।।1
खाक बनकर रह न जाये घर हमारा ।
देखकर हरक़त बढ़ा यह डर हमारा ।
कर रहे हो काम क्यों नैतिक पतन का ,
सभ्यता की ओर लौटो और जागो ।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो ।।2
मानते जो द्वेष से मरता न कोई ।
देख लो अमरीकीयों की नींद खोई ।
धर्म का पर्दा हटा लो सामने से ,
ज्ञान का दीपक जला अज्ञान त्यागो ।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो ।।3
वक्त से पहले सगों को मत सुलाओ ।
मौत के कारक घरों में मत छुपाओ ।
जो कनाडा में लिखा झुठला रहे क्यों ?
मौत के सौदागरों से दूर भागो ।।
देश की खातिर सँभल जाओ अभागो ।।4
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून