तुमको बदनाम करेगी, हरकतें ऐसी तुम्हारी।
तेरी दुश्मन है सच में, आदतें बुरी तुम्हारी।।
तुमको बदनाम करेगी—————।।
बचाने को तेरी इज्जत, रहा खामोश अब तक।
तुमको बर्बाद करेगी, हसरतें ऐसी तुम्हारी।।
तुमको बदनाम करेगी—————-।।
कौन है यहाँ वह ऐसा, सितम जो तुम्हारे सहे।
सजा सच तुमको देगी , मुझसे नफरत तुम्हारी।।
तुमको बदनाम करेगी—————।।
मैंने तो बहुत निभाई, वफ़ा जो भी की तुमसे।
तुमको तन्हा करेगी, बगावत मुझसे तुम्हारी।।
तुमको बदनाम करेगी—————-।।
कोई भी मरता नहीं है, किसी की अर्थी के संग।
किश्ती तेरी ले डूबेगी, महफिल ऐसी तुम्हारी।।
तुमको बदनाम करेगी—————।।
– गुरुदीन वर्मा आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां (राजस्थान)